“नहीं, हम में कोई अनबन नहीं है,
बस इतना है कि अब वो मन नहीं है।
मैं अपने आप को सुलझा रहा हूँ,
तुम्हें लेकर कोई उलझन नहीं है।”
“तुम तो फिर ग़ैर हो,
तुमसे तो शिकायत कैसी…
मेरे अपने ही मुझे,
ग़ैरों की तरह देखते हैं…”
लहू के थे जो रिश्ते, उन्हें छोड़ कर आ गए,
सुकून आँखों के सामने था, मुँह मोड़ कर आ गए।
ख़ज़ाने लुट रहे थे माँ-बाप की छाँव में,
हम कौड़ियों के खातिर, घर छोड़ कर आ गए।
मेरे गुरूर का नशा अगर कोई उतार सके,
है कोई जीतने वाला… जो मुझसे हार सके।
मोहसिन! मुझे एक ऐसे बदन की असद ज़रूरत है,
जो मेरी रूह से… उसका बदन उतार सके।
हम उसे जीत के लाएं हैं अना वादों से
हार कर अपने कबीले से नहीं आएं हैं
एक बच्ची से खरीदे थे गजरे हमने
लौट कर हम किसी मुजरे से नहीं आएं हैं
खुशी हमदम अगर होती मुझे रोने को किया होता
उसे अगर पा लिया होता तो फिर खोने को किया होता
वो मुझसे दूर ना होते में उनसे दूर ना होता
ये अनहोनी नहीं होती तो फिर होने को किया होता
है कोई जिस से तेरी यारी ना हो
इंसान इतना भी बाजारी ना हो
मुझसे भी होकर वो आगे बढ़ चुका
दोस्त बच के अब तेरी बारी ना हो
जितनी भी की थी, उतनी मोहब्बत ना मिली,
क्या फ़ायदे को रोइए, लागत नहीं मिली।
क़ातिल हमारे क़त्ल से मशहूर हो गया,
हमको शहीद होकर भी शोहरत नहीं मिली।
ये उसको मान लेने की घड़ी थी
वो लड़की ज़र्फ़ में मुझसे बड़ी थी
में रास्ते थाम के बैठा हुआ था
मगर उसको तो जाने की पढ़ी थी
आप नज़रे ना मिलाते तो अच्छा होता
आप इतने करीब ना आते तो अच्छा होता
है मोहब्बत फिर भी मुकर जाते हैं हर दफा
काश अजनबी रह जाते तो अच्छा होता
उसकी गली में मुझको जाना नहीं
हाल कैसा है ये भी बताना नहीं
बड़ी हसरत है जाना उस दिन की
वो कहे में हूं और में कहूं मैने पहचाना नहीं
लोगों ने कहा धोखेबाज है वो हमें लोग गलत लगे
वो सही लगी बाकी सारे सितम गलत लगे
सातो जनम के वादे थे उसके हमने भी सच माना
हमसे कोई अच्छा मिला उसे तो हम गलत लगे
अब सफ़ाई भी देने से किया फ़ायदा
तुमने कानों सुनी पर यकीन कर लिया
में तुम्हारी जगह होता तो
बाखुदा अपना देखा हुआ भी नहीं मानता
तेरी जुदाई से डरता हूं मुझे डरने दे
तुझसे बिछड़ कर मरता हूं तो मुझे मरने दे
तू मुझे प्यार कर या ना कर तेरी मर्ज़ी
में तुमसे प्यार करता हूं मुझे करने दे
मेरा महबूब धोखेबाज है
ऐसा नहीं लगता
वो सबसे बात करता है
तो बस अच्छा नहीं लगता
के इतने हसीन चेहरे मिले
तुम नहीं मिले
कुछ तो तुम्हारे जैसे मिले
तुम नहीं मिले
और बारिश फिज़ा तुम्हारी पसंदीदा चाय भी
मिलने के सब इशारे मिले
तुम नहीं मिले
इस तरह से ना आजमाओ मुझे
उसकी तस्वीर मत दिखाओ मुझे
के मैने बोला था याद मत आना
झूठ बोला था ‘याद आओ मुझे
तुम्हारे बाद ये दुख भी तो सहना पड़ रहा है
किसी के साथ मज़बूरी में रहना पड़ रहा है
मुझे बातें नहीं तेरी मोहब्बत चाहिए थी
मुझे अफ़सोस है ये मुझको कहना पड़ रहा है
ये बात सच है कि ऐसा जरूर लगता है
उसे करीब से देखो तो दूर लगता है
मुझे पता है ये साज़िश उसी की है लेकिन
में किया करू वो मुझे बेकसूर लगता है
सभी को लगता है पागल बना गयी थी मुझे
पर उसके छोड़ते ही अक्ल आ गयी थी मुझे
में उसकी नजरों में गिरता तो मेरा किया बनता
जो मेरी नज़रों में इतना गिरा गयी थी मुझे
उसका चेहरा भूल गया हूं
सब कुछ अपना भूल गया हूं
तुम मंजिल पे खैर से पहुंचो
में तो रास्ता भूल गया हूं
कहानी जिसकी थी उसके ही जैसा हो गया हूं में
तमाशा करते करते खुद तमाशा हो गया हूं में
ना मेरा दाम था ना नाम बाजार ए मोहब्बत में
बस उसने कीमत पूछी और महंगा हो गया में
एक तो उसके झूठ पे भी यकीन करने की आदत है मुझको
एक उसकी उदासी हमसे देखी नहीं जाती
हमने उसको अज़ियत का एहसास ही नहीं होने दिया
उसको किया मालूम हैं नींद की गोलियां किस लिए बनाई जाती है
अब ना कभी मोहब्बत से किनारा करेंगे
फिर से इस दिल को आवारा करेंगे
पुराने ज़ख्म सभी सूख गए है
चलो अब इश्क़ दोबारा करेंगे
ज़ख्म जो पड़ जाते है मोहब्बत में किसी की
वो दुनिया के किसी इलाज़ से नहीं भरते
में तो सिर्फ तुम्हारे नाम पर जीता हूँ
लोग मोहब्बत के नाम पर किया किया नहीं करते
कि उसके बाद हमने मुस्कुराना छोड़ दिया
दिल टूटा तो फिर दिल लगाना छोड़ दिया
वो ढूंढ रहा हैं ज़माने में मुझसे बेहतर कोई
वो.. जिसके लिए मैने ज़माना छोड़ दिया
मोहब्बत की पहली शर्त इज्ज़त होती है
और जो आपको इज्ज़त नहीं दे सकता
वो मोहब्बत भी नहीं दे सकता
दिल ए मुंसिफ ने कहा है कि सज़ा दी जाए
आपसे प्यार की हर बात भुला दी जाए
बेवफाओं से बिछड़ कर जो पलट के देखे
आग उस शख़्स की आंखों को लगा दी जाए
कभी आओ बैठो हमारे करीब
तो तुम्हें बताये कि दिल का हाल किया है
अब यूं तुम दूर दूर से पूछोगे
फिर तो हम खैरियत ही कहेंगे
तुम कहते हों दिल ही तो टूटा है किया हुआ
में कहता हूं एक शख्स का भरोसा तबाह हुआ
और बिखरा हुआ भरोसा है
में गुरूर हूं उसका , में अरमान हूं
टूट के चीजें ठीक हो जाती है लेकिन में
में तो इंसान हूं