Feelings Shayari

“नहीं, हम में कोई अनबन नहीं है,
बस इतना है कि अब वो मन नहीं है।
मैं अपने आप को सुलझा रहा हूँ,
तुम्हें लेकर कोई उलझन नहीं है।”

Mohsin Rizwan

“तुम तो फिर ग़ैर हो,
तुमसे तो शिकायत कैसी…
मेरे अपने ही मुझे,
ग़ैरों की तरह देखते हैं…”

Mohsin Rizwan

लहू के थे जो रिश्ते, उन्हें छोड़ कर आ गए,
सुकून आँखों के सामने था, मुँह मोड़ कर आ गए।
ख़ज़ाने लुट रहे थे माँ-बाप की छाँव में,
हम कौड़ियों के खातिर, घर छोड़ कर आ गए।

Mohsin Rizwan

मेरे गुरूर का नशा अगर कोई उतार सके,
है कोई जीतने वाला… जो मुझसे हार सके।
मोहसिन! मुझे एक ऐसे बदन की असद ज़रूरत है,
जो मेरी रूह से… उसका बदन उतार सके।

Mohsin Rizwan

हम उसे जीत के लाएं हैं अना वादों से
हार कर अपने कबीले से नहीं आएं हैं
एक बच्ची से खरीदे थे गजरे हमने
लौट कर हम किसी मुजरे से नहीं आएं हैं

Mohsin Rizwan

खुशी हमदम अगर होती मुझे रोने को किया होता
उसे अगर पा लिया होता तो फिर खोने को किया होता
वो मुझसे दूर ना होते में उनसे दूर ना होता
ये अनहोनी नहीं होती तो फिर होने को किया होता

Mohsin Rizwan

है कोई जिस से तेरी यारी ना हो
इंसान इतना भी बाजारी ना हो
मुझसे भी होकर वो आगे बढ़ चुका
दोस्त बच के अब तेरी बारी ना हो

Mohsin Rizwan

जितनी भी की थी, उतनी मोहब्बत ना मिली,
क्या फ़ायदे को रोइए, लागत नहीं मिली।
क़ातिल हमारे क़त्ल से मशहूर हो गया,
हमको शहीद होकर भी शोहरत नहीं मिली।

Mohsin Rizwan

ये उसको मान लेने की घड़ी थी
वो लड़की ज़र्फ़ में मुझसे बड़ी थी
में रास्ते थाम के बैठा हुआ था
मगर उसको तो जाने की पढ़ी थी

Mohsin Rizwan

आप नज़रे ना मिलाते तो अच्छा होता
आप इतने करीब ना आते तो अच्छा होता
है मोहब्बत फिर भी मुकर जाते हैं हर दफा
काश अजनबी रह जाते तो अच्छा होता

Mohsin Rizwan

उसकी गली में मुझको जाना नहीं
हाल कैसा है ये भी बताना नहीं
बड़ी हसरत है जाना उस दिन की
वो कहे में हूं और में कहूं मैने पहचाना नहीं

Mohsin Rizwan

लोगों ने कहा धोखेबाज है वो हमें लोग गलत लगे
वो सही लगी बाकी सारे सितम गलत लगे
सातो जनम के वादे थे उसके हमने भी सच माना
हमसे कोई अच्छा मिला उसे तो हम गलत लगे

Mohsin Rizwan

अब सफ़ाई भी देने से किया फ़ायदा
तुमने कानों सुनी पर यकीन कर लिया
में तुम्हारी जगह होता तो
बाखुदा अपना देखा हुआ भी नहीं मानता

Mohsin Rizwan

तेरी जुदाई से डरता हूं मुझे डरने दे
तुझसे बिछड़ कर मरता हूं तो मुझे मरने दे
तू मुझे प्यार कर या ना कर तेरी मर्ज़ी
में तुमसे प्यार करता हूं मुझे करने दे

Mohsin Rizwan

मेरा महबूब धोखेबाज है
ऐसा नहीं लगता
वो सबसे बात करता है
तो बस अच्छा नहीं लगता

Mohsin Rizwan

के इतने हसीन चेहरे मिले
तुम नहीं मिले
कुछ तो तुम्हारे जैसे मिले
तुम नहीं मिले
और बारिश फिज़ा तुम्हारी पसंदीदा चाय भी
मिलने के सब इशारे मिले
तुम नहीं मिले

Mohsin Rizwan

इस तरह से ना आजमाओ मुझे
उसकी तस्वीर मत दिखाओ मुझे
के मैने बोला था याद मत आना
झूठ बोला था ‘याद आओ मुझे

Mohsin Rizwan

तुम्हारे बाद ये दुख भी तो सहना पड़ रहा है
किसी के साथ मज़बूरी में रहना पड़ रहा है
मुझे बातें नहीं तेरी मोहब्बत चाहिए थी
मुझे अफ़सोस है ये मुझको कहना पड़ रहा है

Mohsin Rizwan

ये बात सच है कि ऐसा जरूर लगता है
उसे करीब से देखो तो दूर लगता है
मुझे पता है ये साज़िश उसी की है लेकिन
में किया करू वो मुझे बेकसूर लगता है

Mohsin Rizwan

सभी को लगता है पागल बना गयी थी मुझे
पर उसके छोड़ते ही अक्ल आ गयी थी मुझे
में उसकी नजरों में गिरता तो मेरा किया बनता
जो मेरी नज़रों में इतना गिरा गयी थी मुझे

Mohsin Rizwan

उसका चेहरा भूल गया हूं
सब कुछ अपना भूल गया हूं
तुम मंजिल पे खैर से पहुंचो
में तो रास्ता भूल गया हूं

Mohsin Rizwan

कहानी जिसकी थी उसके ही जैसा हो गया हूं में
तमाशा करते करते खुद तमाशा हो गया हूं में
ना मेरा दाम था ना नाम बाजार ए मोहब्बत में
बस उसने कीमत पूछी और महंगा हो गया में

Mohsin Rizwan

एक तो उसके झूठ पे भी यकीन करने की आदत है मुझको
एक उसकी उदासी हमसे देखी नहीं जाती
हमने उसको अज़ियत का एहसास ही नहीं होने दिया
उसको किया मालूम हैं नींद की गोलियां किस लिए बनाई जाती है

Mohsin Rizwan

अब ना कभी मोहब्बत से किनारा करेंगे
फिर से इस दिल को आवारा करेंगे
पुराने ज़ख्म सभी सूख गए है
चलो अब इश्क़ दोबारा करेंगे

Mohsin Rizwan

ज़ख्म जो पड़ जाते है मोहब्बत में किसी की
वो दुनिया के किसी इलाज़ से नहीं भरते
में तो सिर्फ तुम्हारे नाम पर जीता हूँ
लोग मोहब्बत के नाम पर किया किया नहीं करते

Mohsin Rizwan

कि उसके बाद हमने मुस्कुराना छोड़ दिया
दिल टूटा तो फिर दिल लगाना छोड़ दिया
वो ढूंढ रहा हैं ज़माने में मुझसे बेहतर कोई
वो.. जिसके लिए मैने ज़माना छोड़ दिया

Mohsin Rizwan

मोहब्बत की पहली शर्त इज्ज़त होती है
और जो आपको इज्ज़त नहीं दे सकता
वो मोहब्बत भी नहीं दे सकता

Mohsin Rizwan

दिल ए मुंसिफ ने कहा है कि सज़ा दी जाए
आपसे प्यार की हर बात भुला दी जाए
बेवफाओं से बिछड़ कर जो पलट के देखे
आग उस शख़्स की आंखों को लगा दी जाए

Mohsin Rizwan

कभी आओ बैठो हमारे करीब
तो तुम्हें बताये कि दिल का हाल किया है
अब यूं तुम दूर दूर से पूछोगे
फिर तो हम खैरियत ही कहेंगे

Mohsin Rizwan

तुम कहते हों दिल ही तो टूटा है किया हुआ
में कहता हूं एक शख्स का भरोसा तबाह हुआ
और बिखरा हुआ भरोसा है
में गुरूर हूं उसका , में अरमान हूं
टूट के चीजें ठीक हो जाती है लेकिन में
में तो इंसान हूं

Mohsin Rizwan

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